अथ श्री मुरैना पुलिस क्राइम ब्रांच कथा:
श्रीगोपाल गुप्ता
देश के ज्यादातर आम आदमी को इतनी खबर होती है कि शासन चलाने और उसकी अपनी व परिवार की जान-माल की रक्षा के लिये देश में पुलिस होती है! जो देश के कानून को अमली जामा पहनाने में प्रमुख अपनी भूमिका अदा करती है! देश में कहीं भी अपराध या फिर कानून विरोधी घटनाक्रम घटता है सबसे पहले वहां पुलिस की ही आमद होती है, फिर चाहें भंयकर बरसात या गर्मी हो या फिर दिल को जमा देने वाली सर्दी का प्रकोप हो! हालांकि पुलिस में भी कई प्रकार के विभाग और शाखायें होती हैं, इनमें से क्राईम ब्रांच भी एक महत्वपूर्ण विंग है जिसका गठन इस आशा और उद्देश्य किया गया कि जो गंभीर प्रकार के अपराध हैं उनका निकाल ये क्राईम ब्रांच करेगी! इस ब्रांच में पुलिस विभाग के थाने और लाईन में पदस्थ जांबाज और गंभीर अपराधों में अपराधियों से निपुढ़ता से निपट सकें ऐसे जांबाज इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर दीवान व आरक्षकों को स्थान दिया जाता है! ये योद्धा थानों में या आम तौर पर गली चोराहों पर ड्यूटी करते हुये दिखाई नहीं देते हैं, इनका काम गुप्त रुप से दबिस या छापामार कार्यवाही कर दुर्दांत से दुर्दांत अपराधियों का काम तमाम करके समाज में बिखरी गंदगी को खत्म करना होता है! अपराधों पर से जल्दी से जल्दी पर्दा उठाकर अपराधियों के उसके अंजाम तक पहुंचाना और निर्भिक समाज बनना क्राईम ब्रांच का मुख्य उद्देश्य होता है! चंबल की भूमि पर भी गंभीर अपराधों को देखते हुए संभाग के चारों जिलों मुरैना, श्योपुर, भिण्ड और दतिया में भी क्राईम ब्रांच का गठन किया गया था! इसमें कोई शक और सुबहा नहीं है कि निश्चित ही अतीत में क्राईम ब्रांच टीम ने बड़े-बड़े अपराधों का खात्मा अपनी सूझबूझ और अक्लमंदी से किया था! जिसकी सर्वत्र भूरी-भूरी प्रशंसा जनमानस द्वारा की ग्ई और इन्हें पुरुष्कृत भी किया गया और यही वो कारण है कि टीम के जांबाज सदस्य अपने-अपने जिलों के पुलिस अधिक्षकों के खास और पसंदीदा हो गये! मगर यह कहानी देश के कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के पहले की हैं, मगर अब सारा परिदृश्य बदल चुका है!
देश में गत 25 मार्च से लाॅकडाऊन लगने के बाद जिस बेहरमी के साथ दवा, दारु और खाद्य सामग्री के नाम पर घटीया सामान देकर शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों ने देश को लूटा है उसी फेहरिस्त में अब मुरैना क्राईम ब्रांच नाम भी लिख चुका है! माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आज से कई वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने तम्बाकू और सुपाड़ी के मिश्रण गुटखा पर प्रतिबंध लगाया था जो आज तक बरकरार है! अब तम्बाकू और पान मसाला अलग- अलग पैकिंग पर बनते और बिकते हैं! मगर इस पर भी लाॅकडाऊन के बाद सरकार ने इसके क्रय -बिक्रय पर रोक लगाई थी, जो क्राईम ब्रांच टीम के लिए सोना उगलने और नोट छापने की मशीन बन गई ! मुरैना में पूरे प्रदेश सहित 23 मार्च से ही लाॅकडाऊन घोषित हो गया! ऐसे में सारे कल-कारखाने और व्यापारीक व धार्मिक प्रतिष्ठान बंद हो गये! इन प्रतिष्ठानों में पान मसाला और तम्बाकू का कारोबार करने वाले व्यापारियों का कारोबार बंद हो गया! ऐसे में 22 मार्च तक आया लाखों रुपयों का माल दुकानों और गोदामों पड़ा रह गया! इसका गलत और बेजा फायदा उठाते हुये अपराधों को रोकते-रोकते खुद क्राईम ब्रांच के जांबाज मालकमाऊ खुद ही अपराधी बन गये! अपने मुखबीरों की खबर पर टीम ने ऐसे गोदामों पर छापा मारकर गोदामों में रखे लाखों रुपयों के पान मसाला और तम्बाकू को एक तरह से जप्त न करते हुये लूट ही लिया! क्योंकि जप्त करने का काम केवल पुलिस का वो भी क्राईम ब्रांच का है ही नहीं ! गोदामों से माल जीप और ट्रालियों में लादा गया उन्हें अपने लोगों के यहां पहुंचाया गया और मात्र कुछ माल पुलिस के विभिन्न थानों में जमा कराया गया! पूरे शहर में चर्चा है कि माल के साथ पकड़े गये मालिकों और कर्मचारियों को मोटा पैसा लेकर मात्र धारा 188 का मामला दर्ज कर छोड़ भी दिया गया! ये लूट का सिलसिला चल ही रहा था कि व्यापारी संगठित हो गये और उन्होने अपनी करुण फरियाद अब तक क्राईम ब्रांच पुलिस से बेखबर व्यापारियों ने इस लूट से बचाने के लिये भोपाल और दिल्ली तक पहुँचाई ! नतीजा सामने है कि इस संगठित लूट को तत्काल रोकने के लिए पुलिस उप महानिदेशक चंबल रैंज श्री डीपी गुप्ता ने चारों जिलों की क्राईम ब्रांच टीमों को अविलम्ब भंग कर दिया है! मगर ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या केवल भंग करने से ही लूटे गये निर्दोष व्यापारियों के हरे-भरे जख्मों पर मलहम लग जायेगा? या फिर इस टीम के कथित जांबाजों के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही भी की जायेगी?जिनके लिये अथ श्री मुरैना क्राइम ब्रांच कथा का पाठ नियमित सुबह-शाम आम मुरैना की जनता कर रही है, क्योंकि लाॅकडाऊन के दौरान उनको भी धोने में इस टीम ने कोई कोताही नहीं बरती है!